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गुरुवार, 11 जनवरी 2024

सुख सागर से मत जाइये हंस प्यासा रे | Sukh sagar se mat

जनवरी 11, 2024 0
सुख सागर से मत जाइये हंस प्यासा रे | Sukh sagar se mat


Sukh sagar me aayke mat javo hansha pyasa - सुख सागर में आय के मत जावो हंस प्यासा भजन लिरिक्स



sukh saagar me aake mat jawo hanshaa pyasa


Mat jaiyo re hansa pyasa - मत जइयो रे हनसा प्यासा 



सुख सागर में आके मत जावो हंसा। राग - दरबारी ताल- तीनताल 


दोहा - आया है सो जाएगाराजा रंक फ़क़ीर

    एक सिंघासन चढ़ि चलेएक बंधे ज़ंज़ीर।।


 

सुख सागर में आय केमत जावो हंसा प्यासा।

भवसागर में आयकेमत जावो हंसा प्यासा।

मत जावो हंसा प्यासा ....... टेक



 

1.गगन मंडल में अमृत बरसेपीले स्वासम स्वासा। 2

   धन्ना ने पिया सुदामा ने पियाअरे पिया रविदासा।।

   अरे पिया रविदासामत जावो हंस प्यासा,

     


2.ध्रुव ने पिया प्रहलाद ने पिया,मिट गई जम री त्रासा।

   गोपीचंद भरतरी ने पियाअरे हुआ शब्द परकाशा ।।

   अरे हुआ शब्द परकाशा मत जावो हंस प्यासा,


 

3.शबरी ने पिया कमालीन ने पियामीराबाई पी गई आशा।

   कबीर सा ने प्रेम रस पिया,  पुरण हो गई आसा।।

   अरे पुरण हो गई आसामत जावो हंस प्यासा,



इन्हें भी देंखे           

हरी बिन कौन गति मेरी  

झोली मेरी भर दो 

रखना तू हमपे नजरिया 

तेरो कान्हा बड़ो अलबेला


आरती

श्री दुर्गा जी आरती 

आरती हनुमान जी की 

आरती भोलेनाथ जी की 


तेरो कान्हा बड़ा अलबेला | Tero kanha bado albela

जनवरी 11, 2024 0
 तेरो कान्हा बड़ा अलबेला | Tero kanha bado albela

 Meri matki me maar gayo dhela – मेरी मटकी में मार गयो देला


tero shyam bada albela


Tero shyam bada albela mere matki me – मेरा श्याम बड़ा अलबेला लिरिक्स



तेरो कान्हा बड़ो अलबेला भजन ताल- दादरा  



 तेरो कान्हा बड़ा अलबेला मेरी मटकी में मार गयो ढेला




कभी गंगा तीर, कभी यमुना तीर,

कभी बंसी बजाये अकेला,

मेरी मटकी में ………




कभी गऊऐ के संग, कभी ग्वालों के संग,

कभी रास रचाए अकेला,

मेरी मटकी में ………




कभी सूरज के संग कभी चन्दा के संग,

कभी तारो के संग अकेला,

मेरी मटकी में ………




कभी गोपियन के संग, कभी रुक्मा के संग,

कभी राधा के संग अकेला,

मेरी मटकी में ………




कभी संतों के संग, कभी भक्तों के संग,

कभी मस्ती में खेले अकेला,

मेरी मटकी में ………


इन्हें भी देंखे           

हरी बिन कौन गति मेरी  

झोली मेरी भर दो 

रखना तू हमपे नजरिया 


आरती

श्री दुर्गा जी आरती 

आरती हनुमान जी की 

आरती भोलेनाथ जी की 


शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

हरी बिन कौन गति मेरी | Hari bin kun gati meri

दिसंबर 08, 2023 0
 हरी बिन कौन गति मेरी | Hari bin kun gati meri

 Hari bin kun gati meri – हरी बिन कूण गति मेरी

lord vishnu


 दोहा - राम नाम सब कहेसाधु संत और चोर ।


        पर जे नाम में मीरा तरीवो नाम कुछ और।।

 

  Hari bin koon gati meri ayodhyadas bhajan 
             

                    हरी विन कुन गति मेरी लिरिक्स



 हरि बिन कौन गति मेरीकौन गति मेरी हरि बिन..


 तुम मेरे प्रतिपाल कहियेमें दासी प्रभु तेरी - हरि बिन

 

1 ये संसार विकार का सागर, बीच मे घेरी - हरि बिन

 



2 बारी बारी पुकारी में, प्रभु है आरती तेरी- हरि बिन

 



3 नाव फूटी प्रभु पार लगाओ, डूबत दासी तेरी - हरि 

बिन

 


4 दासी मीरा नाम रटत है, में शरण हूँ तेरी - हरि बिन

 



 हरि बिन कौन गति मेरीकौन गति मेरी हरि बिन..


 तुम मेरे प्रतिपाल कहियेमें दासी प्रभु तेरी - हरि बिन

 

झोली मेरी भर दो | Jholi meri bhar de

दिसंबर 08, 2023 0
झोली मेरी भर दो | Jholi meri bhar de

 Jholi meri bharde o kailash wale lyrics

झोली मेरी भर दो ओ कैलाश वाले हिंदी लिरिक्स 

jholi bhar de lyrics


     झोली मेरी भर दो, ओ कैलाश वाले

     बेड़ा पार कर दो, ओ कैलाश वाले


 

   1. बहुत देर से में तेरे सामने खड़ा हूँ

        गुनहगार होके तेरे सामने खड़ा हूँ

        इधर नजर करदो, ओ कैलाश वाले

        झोली मेरी भर दो, ओ कैलाश वाले

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    2. बड़े-बड़े काम बाबा आपने किये है

        बड़े-बड़े काम बाबा आपने किये है

        मेरा काम करदो, ओ कैलाश वाले

         झोली मेरी भर दो, ओ कैलाश वाले


           

        भर दे झोली ओ, कैलाश वाले

        बहुत देर से में सामने खड़ा हूँ –     

         तर्ज – भर दे झोली मेरी या तो मोहम्मद 

          Bhar do jholi meri ya        Muhammad


             

     3. अलख अवधूत जोगी, आप अविनाशी

         अलख अवधूत जोगी, आप अविनाशी

         मिटा दे अंधेरे, कैलाश वाले

 

शुक्रवार, 3 नवंबर 2023

रखना तू हमपे नजरिया मेरे मोहन सांवरिया | Rakhna tu hampe najariya

नवंबर 03, 2023 0
रखना तू हमपे नजरिया मेरे मोहन सांवरिया | Rakhna tu hampe najariya

         तर्ज – सावन की बरसे बदरिया

Mere mohan sanwariya
Krishna


Rakhna tu hampe najariya lyrics - रखना तू मुझपे नजरिया लिरिक्स इन हिंदी 

रखना तू हमपे नजरिया, मेरे मोहन सांवरिया

मोहन सांवरिया मेरे, भोले सांवरिया 2

रखना तू हमपे नजरिया, मेरे मोहन सांवरिया

 

1. चंचल मन कही भटक न जाये

भटक न जाये भटक न जाये

चंचल मन कही भटक न जाये

हम सबकी लेना खबरिया मेरे मोहन सावरिया- रखना तू

 

 2. नित तेरा ही ध्यान धरे हम

ध्यान धरे हम ध्यान धरे हम 2

नित तेरा ही ध्यान धरे हम

आना प्रभु हमरी डगरिया मेरे मोहन सावरिया- रखना तू

 

 

 3. ध्रुव प्रह्लाद बचायो जैसे

बचायो जैसे बचायो जैसे 2

ध्रुव प्रह्लाद बचायो जैसे

रखना लाज सांवरिया मेरे मोहन सांवरिया- रखना तू

 


मंगलवार, 10 अक्तूबर 2023

durga ji ki aarti - श्री दुर्गा जी की आरती

अक्तूबर 10, 2023 0
durga ji ki aarti - श्री दुर्गा जी की आरती

Maa Durga Ji Ki Aarti - दुर्गा जी की आरती हिंदी में

durga ji ki aarti om jai ambe gauri



Durga Ji Ki Aarti Lyrics in hindi श्री दुर्गा जी आरती हिंदी में 


दोस्तों माँ दुर्गा समस्त संसार की जननी मानी गयी है। और हमारे सनातन धर्म में समस्त प्राणी मात्रमाँ दुर्गा की भक्ति करके मनोवांछित फल प्राप्त करते है। माँ दुर्गा समस्त पापो का नाश करने वाली संकट निवारिणीमोक्षदायिनी है। उन्ही माँ दुर्गा जी के चरणों में प्रणाम करके उनकी समस्त मनोवांछितफल प्रदान करने वाली आरती को आप सभी भक्तो के लिए लिखने जा रहा हूँ। इसमें जो कुछ भी त्रुटी होतो मुझे अबोध बालक समझकर माँ दुर्गा और आप सभी क्षमा करे।


        Durga Ji Ki Aarti lyrics – दुर्गा जी की आरती लिरिक्स



      जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।


           तुमको निशदिन ध्यावत, हरी ब्रम्हा शिवरी।।


    ओम जय अम्बे गौरी


 

1.   मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को।


     उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको ।।


    ओम जय अम्बे गौरी


 

  2.   कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।


   रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।


  ओम जय अम्बे गौरी


 

3. केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर

 धारी।


             सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःख हारी।।


     ओम जय अम्बे गौरी


 

   4.   कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।


       कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योति।।


       ओम जय अम्बे गौरी

 


   5.   शुम्भ-निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।


धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती।।


ओम जय अम्बे गौरी

 


6.   चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।


      मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।


     ओम जय अम्बे गौरी


 

7.   ब्रम्हाणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।


        आगम-निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।


     ओम जय अम्बे गौरी



 

          8.   चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैंरू।


    बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।


    ओम जय अम्बे गौरी


 

    9.   तुम ही जग जी माता, तुम ही हो भर्ता।


      भक्तन की दुख हरता, सुख संपत्ति करता।।


ओम जय अम्बे गौरी


 

10.    भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी।


    मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।


ओम जय अम्बे गौरी


 

11.   कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।


       श्रीमाल केतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।


    ओम जय अम्बे गौरी


 

  12.   श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गांवे।


       कहत शिवानन्द स्वामी, मन इच्छा फल पांवे।।


    ओम जय अम्बे गौरी




                    जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी हो मैया


                   आनंद्करनी, मैया जय संकटहरिणी, मैया मंगलमूर्ति


                       तुमको निशदिन ध्यावत, हरी ब्रम्हा शिवरी।।


                        ओम जय अम्बे गौरी



Shri durga ji ki arti



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