Sukh sagar me aayke mat javo
hansha pyasa - सुख सागर में आय के मत जावो हंस प्यासा भजन लिरिक्स
Mat jaiyo re hansa pyasa - मत जइयो रे हनसा प्यासा
सुख सागर में आके मत जावो हंसा। राग - दरबारी ताल- तीनताल
दोहा - आया है सो जाएगा, राजा रंक फ़क़ीर।
एक सिंघासन चढ़ि चले, एक बंधे ज़ंज़ीर।।
सुख सागर में आय के, मत जावो हंसा प्यासा।
भवसागर में आयके, मत
जावो हंसा प्यासा।
मत जावो हंसा प्यासा ....... टेक
1.गगन मंडल में अमृत बरसे, पीले स्वासम स्वासा। 2
धन्ना ने पिया सुदामा ने पिया, अरे पिया रविदासा।।
अरे पिया रविदासा, मत जावो हंस प्यासा,
2.ध्रुव ने पिया प्रहलाद ने पिया,मिट गई जम री त्रासा।
गोपीचंद भरतरी ने पिया, अरे हुआ शब्द परकाशा ।।
अरे हुआ शब्द परकाशा मत जावो हंस प्यासा,
3.शबरी ने पिया कमालीन ने पिया, मीराबाई पी गई आशा।
कबीर सा
ने प्रेम रस पिया, पुरण हो गई आसा।।
अरे पुरण हो गई आसा, मत जावो हंस प्यासा,
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आरती